8th Pay Commission Big News: 8वें वेतन आयोग को लेकर सरकार ने जनवरी 2025 में ऐलान कर दिया था ऐसे में केंद्रीय कर्मचारी पेंशन पाने वाले लाखों पेंशन धारकों को मिलने वाली सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी को लेकर चर्चाएं तेजी से चल रही हैं उम्मीद की जा रही है की 8वें वेतन आयोग में महंगाई भत्ता बेसिक सैलरी में मर्ज किया जा सकता है साथ ही अलाउंस यानी भत्ते के स्ट्रक्चर में भी बढ़ोतरी किए जाने की संभावना है आईए जानते हैं 8वें वेतन आयोग महंगाई भत्ता बेसिक सैलरी में मर्ज को लेकर क्या है लेटेस्ट अपडेट।
HRA सहित अन्य अलाउंस में हो सकती है बढ़ोतरी
HRA बढ़ोतरी को लेकर महत्वपूर्ण खबर यह है कि SCOVA की मीटिंग में यह साफ हो गया है की सैलरी के अलावा अन्य भत्ते जैसे कि हाउस रेंट अलाउंस ट्रैवल एलाउंस मेडिकल अलाउंस और दर्नेस अलाउंस की भी समीक्षा की जाएगी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मेट्रो शहरों में रहने वाले कर्मचारियों को ज्यादा हर मिलने वाला है वहीं ग्रामीण और शहरी इलाकों में पोस्टेड कर्मचारियों के लिए ट्रैवल एलाउंस की कैलकुलेशन नई तरीके से की जाएगी इसके साथ ही सरकार कुछ पुराने हो चुके भत्तों को खत्म करने पर भी विचार कर रही है जिससे 8वें वेतन आयोग में सिस्टम को और बेहतर बनाया जा सके।
मेडिकल अलाउंस में तीन गुना बढ़ोतरी
बता दे 11 मार्च 2025 को दिल्ली में आयोजित गोवा मीटिंग के दौरान पेंशनर्स के फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस को लेकर बड़ा प्रस्ताव सामने आया है बैठक में यह सुझाव रखा गया कि मौजूदा ₹1000 के मेडिकल अलाउंस को बढ़ाकर सीधे ₹3000 महीना किया जाए पेंशनर्स लंबे समय से बढ़ती महंगाई और इलाज के खर्चों को देखते हुए इस बजट में बढ़ोतरी की लगातार मांग कर रहे थे अब यह प्रस्ताव 8वें वेतन आयोग की शर्तों में शामिल करने की सिफारिश की गई है और उम्मीद की जा रही है कि यह बदलाव जनवरी 2026 से लागू हो जाएंगे।
महंगाई भत्ता बेसिक सैलरी में होगा मर्ज?
बता दे सातवें वेतन आयोग में जी फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था तब न्यूनतम वेतन 18000 रुपए निर्धारित किया गया था अब यह बढ़कर 27000 रुपए तक जा सकता है साथ ही आठवी वेतन आयोग में बेसिक सैलरी महंगाई भत्ता में मर्ज हो सकती है फिलहाल आयोग की रूपरेखा को टर्म्स आफ रेफरेंस को अंतिम रूप दिया जाना बाकी रह गया है आमतौर पर किसी वेतन आयोग के गठन से उसकी सिफर से लागू होने तक के समय की गणना की जाए तो 18 महीने से लेकर 24 महीने तक का समय लग सकत के समय की गणना की जाए तो 18 महीने से लेकर 24 महीने तक का समय लग सकता है ऐसे में 1 जनवरी 2026 को लागू होने की जो उम्मीद है वह आगे भी बढ़ सकती है।